आज,अभी,अब, इस पल ...


अतीत के संताप में,भविष्य की संत्रास में;
आज, अभी, अब,इस पल, जो कि है अटल;
खोया है ऐसे जंजाल में, जहां चैन न पाया किसी हाल में; समय का पहरा है, मन जिसमें डूबा गहरा है;
 चेतना की एक किरण, मुझे कराती है स्मरण;
अतीत था वर्तमान अभी, भविष्य भी होगा वर्तमान कभी;
खींच लाता है मुझे ये आभास,
कराने आज, अभी, अब, इस पल का अहसास;.....

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