शिवविवाह 🌼🌸💮
शिव दुल्हा बने हैं ...…............................................................... आज ब्रह्मांड में एक नई ऊर्जा का संचरण हो रहा है। यह अवसर है शिव और शक्ति के अद्भुत प्रेम मिलन का। शिवजी के गण शिवजी का श्रृंगार कर रहे हैं , मस्तक पर जटाओं का मुकुट और उस पर सर्पों का मोर सजाया गया है ,शरीर पर बाघाम्बर है और भस्म से लेपन किया गया है , सिर पर चंद्रमा और गंगा विराजमान है। एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे में डमरू सुशोभित है , शिवजी नंदी की सवारी कर रहे हैं और इस निराले दूल्हे की बाराती में सभी मग्न है। शिवजी ने के अनूठे स्वरूप को देखकर देवांगनाए कहती हैं कि इस वर के योग्य वधु संसार में नहीं मिलेगी। हिमांचलराज के नगर में आज हलचल मची है इस नगर की शोभा देखकर ब्रह्मा की निपुणता भी छोटी लगती है। जहां स्वयं जगदंबा ने अवतार लिया है उसका वर्णन क्या हो सकता है। बरात नगर के समीप आने पर सभी नगरवासी बाराती का दर्शन करने को उत्सुक हैं । देवों के समूह और विष्णुजी को देख सभी प्रसन्न हैं। पर शिवजी के गणों को देख नगर के बालक भयभीत होकर भाग गए और अपने माता-पिता से दूल्हे के स्वरूप का वर्णन करते ह...